महाकुंभ 2025 : प्रयागराज में आस्था और तकनीक का अद्भुत संगम…

Maha Kumbh Mela is probably the largest human gathering on a single day. Over 30 million devotees and ascetics took holy dip on the occasion of Mauni Amavasya

इस बार महाकुंभ प्रयागराज में आयोजित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाने जा रहा है। इस महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यह आयोजन, सनातन धर्म की परंपराओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए श्रद्धालुओं लिए एक अनोखा अनुभव पेश करेगा। सुरक्षा, सुविधा और आध्यात्मिकता को ध्यान में रखते हुए इस आयोजन में साइबर सुरक्षा से लेकर वर्चुअल रियलिटी और डिजिटल सेवाओं का अद्भुत उपयोग किया जा रहा है।

श्रद्धालुओं को साइबर अपराध से बचाने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी

श्रद्धालुओं को साइबर अपराध से बचाने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। 56 साइबर विशेषज्ञों और एक समर्पित साइबर पुलिस स्टेशन को तैनात किया गया है जो फर्जी वेबसाइट, सोशल मीडिया धोखाधड़ी और नकली लिंक जैसी गतिविधियों पर नजर रखेंगे। प्रयागराज संगम में 40 डिजिटल डिस्प्ले लगाए जा रहे हैं जो लोगों को साइबर खतरों के प्रति जागरूक करेंगे। साथ ही, हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है ताकि किसी भी समस्या की तुरंत रिपोर्ट की जा सके। अब तक लगभग 50 संदिग्ध वेबसाइटों की पहचान की गई है जिन पर कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालु साइबर धोखाधड़ी से सुरक्षित रहें।

2,000 ड्रोन की मदद से “समुद्र मंथन” और “प्रयाग महात्म्य” का अनोखा शो

श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी खास बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। 360-डिग्री वर्चुअल रियलिटी स्टॉल्स मेले के मुख्य स्थानों पर लगाए जाएंगे, जहां लोग पेशवाई (अखाड़ों की शोभायात्रा), स्नान के शुभ अवसर और गंगा आरती जैसे अद्भुत दृश्यों को वर्चुअल माध्यम से देख सकेंगे। इसके अलावा, 2,000 ड्रोन का एक अनोखा शो “समुद्र मंथन” और “प्रयाग महात्म्य” जैसे पौराणिक कथाओं को जीवंत करेगा। ये ड्रोन संगम क्षेत्र के ऊपर आसमान में ऐसा दृश्य प्रस्तुत करेंगे, जो हर किसी के लिए अविस्मरणीय होगा।

महाकुंभ नगर में भूमि आवंटन की प्रक्रिया को पूरी तरह किया गया डिजिटल

महाकुंभ 2025 के लिए उत्तर प्रदेश के नए जिले महाकुंभ नगर को आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जा रहा है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है। 10,000 संस्थानों को ऑनलाइन भूमि और सुविधाएं आवंटित की जा रही हैं। ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से भूमि की स्थिति का सटीक आकलन किया गया है। GIS आधारित नक्शे तैयार किए गए हैं, जिनमें अस्पताल, पुलिस स्टेशन, भोजन क्षेत्र और शौचालय जैसी आवश्यक सेवाओं की जानकारी गूगल मैप्स पर उपलब्ध होगी। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि हर कोई आसानी से अपनी जरूरत की जगह तक पहुंच सके।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। रिमोट-कंट्रोल लाइफ बॉय जैसे उपकरण पानी में आपात स्थिति में लोगों को तुरंत बचाने के लिए तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, अंडरवाटर ड्रोन का उपयोग किया जाएगा, जो 24×7 पानी के अंदर निगरानी करेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी देंगे। ये ड्रोन 100 मीटर तक गहराई में जाकर काम कर सकते हैं और वास्तविक समय में रिपोर्ट साझा करेंगे। संगम में AI संचालित कैमरे और ड्रोन भी लगाए गए हैं जो हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।

इस बार खोए हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए हाई-टेक ‘लॉस्ट एंड फाउंड’ केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां गुमशुदा व्यक्तियों की डिजिटल पंजीकरण की जाएगी और उनकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और एक्स पर साझा की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति 12 घंटे तक अनक्लेम्ड रहता है तो पुलिस द्वारा उसकी मदद की जाएगी।

श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की सुविधा भी बेहद आसान कर दी गई है। ऑनलाइन बुकिंग 10 जनवरी से 28 फरवरी के बीच IRCTC की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। इसके अलावा, मेक माय ट्रिप और गोआईबीबो जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए भी बुकिंग की जा सकेगी। टेंट सिटी में ठहरने की व्यवस्था के साथ CCTV निगरानी और फर्स्ट एड सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश सरकार के नेतृत्व में महा कुंभ 2025, आस्था और आधुनिकता का एक बेमिसाल उदाहरण बनने जा रहा है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और परंपराओं की वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान स्थापित करेगा। महाकुंभ 2025, तकनीक और आध्यात्मिकता का ऐसा संगम है, जो हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय साबित होगा।