
राजनांदगांव, 30 जुलाई। व्यावसायिक शिक्षा विभाग में हुई हालिया भर्ती प्रक्रिया पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। जानकारी के अनुसार, सहायक संचालक द्वारा राजनीतिक दबाव और निजी स्वार्थों के चलते न सिर्फ निजी कंपनी पर दबाव बनाया गया, बल्कि बेरोजगार युवाओं से मोटी रकम लेकर अवैध रूप से नौकरी दिलवाने की बात भी सामने आई है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक ही जिले के एक ही ब्लॉक से लगभग 50 से 55 युवाओं की नियुक्ति हुई, जिससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि सहायक संचालक ने अपने ही सगे संबंधियों और जान-पहचान वालों को जॉब दिलाई है। सूत्रों के मुताबिक, उक्त अधिकारी के संबंध कुछ प्रभावशाली नेताओं के साथ घरेलू स्तर पर भी हैं, जिससे पूरे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम से आम विद्यार्थियों और पात्र बेरोजगारों में भारी आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि जब भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रहेगी और अधिकारी-नेता अपने रिश्तेदारों को ही प्राथमिकता देंगे, तो योग्य लेकिन गरीब छात्र नौकरी के लिए कहां जाएंगे?
बेरोजगारी वैसे ही अपने चरम पर है, ऐसे में इस प्रकार की अनियमितताएं सरकारी तंत्र में जनता के विश्वास को तोड़ने का कार्य कर रही हैं।
छात्र संगठनों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यदि यह खबर सही पाई गई तो यह व्यावसायिक शिक्षा विभाग की साख पर एक गंभीर सवाल बन सकती है।
इस संबंध में जानकारी के लिए रायपुर समग्र शिक्षा विभाग की सहायक संचालक को लगातार फोन लगाया गया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया है।