राजनांदगांव : जिले में रासायनिक उर्वरकों का 88.73 प्रतिशत वितरण…

  • डबल लॉक गोदाम से समितियों के मांग अनुरूप किया जा रहा भण्डारण
  • नैनो उर्वरकों की भी पर्याप्त व्यवस्था, किसानों को मिल रहा सीधा लाभ मोहला 31 जुलाई 2025। खरीफ सीजन 2025 के लिए जिले में किसानों को समय पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा व्यापक कार्य योजना के साथ व्यवस्था की गई है। जिसके तहत उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीज एवं उर्वरकों का वितरण किया जा रहा है। साथ ही गुणवत्ता परीक्षण हेतु निर्धारित मानकों के अनुसार नमूने भी एकत्र कर प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं।
    गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10 प्रतिशत अधिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए उर्वरकों का भंडारण एवं वितरण किया जा रहा है। सहकारी क्षेत्र में कुल भंडारित 15,341.270 मेट्रिक टन उर्वरकों में से 13,612.473 मेट्रिक टन में से 88.73 प्रतिशत उर्वरक का वितरण किया जा चुका है। वर्तमान में समितियों में 1,728.80 मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध हैं। वहीं निजी उर्वरक विक्रेताओं के माध्यम से अऋणी किसानों को 1,944.015 मेट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है।
  • नैनो यूरिया एवं डीएपी की भी पर्याप्त उपलब्धता

राज्य सहकारी विपणन संघ के डबल लॉक गोदाम में 491.08 मेट्रिक टन यूरिया, डीएपी एवं सुपर फॉस्फेट जैसे उर्वरक उपलब्ध हैं, जिन्हें समितियों की मांग के अनुरूप वितरित किया जा रहा है। इस वर्ष पहली बार नैनो टेक्नोलॉजी आधारित यूरिया एवं डीएपी उर्वरकों का भी पर्याप्त भंडारण किया गया है। नैनो उर्वरकों के उपयोग से किसानों को परिवहन लागत में कमी, कृषि लागत में बचत एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे लाभ मिल रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार नैनो उर्वरक भी पारंपरिक उर्वरकों के समान ही उत्पादन देने में सक्षम हैं।

  • निर्बाध आपूर्ति के लिए विभागीय अधिकारियों की लगाई गई ड्यूटी

जिला प्रशासन के निर्देशानुसार प्रतिदिन उर्वरक आपूर्ति की समीक्षा की जा रही है। जिन समितियों में उर्वरकों की कमी देखी जाती है, वहां तत्काल मांग लेकर भंडारण सुनिश्चित किया जा रहा है। राज्य स्तर से मिल रहे मार्गदर्शन अनुसार उर्वरकों के निर्बाध आपूर्ति हेतु रेक पाइंटों पर विभागीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिससे उर्वरकों की प्राप्ति कर उन्हें सुरक्षित डबल लॉक गोदाम में संग्रहित किया जा सके। जिले के सभी विकास खंडों में किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से रासायनिक व नैनो उर्वरकों का सुचारु वितरण किया जा रहा है। साथ ही वैकल्पिक उर्वरकों के रूप में ट्रिपल सुपर फॉस्फेट एवं एनपीके 16:16:16 के 740 मेट्रिक टन की मांग भी राज्य को भेजी गई है। जिससे किसानों को वैकल्पिक उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकें।