
राजनांदगांव। खैरागढ़ /इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में पदस्थ योग शिक्षक डॉ अजय कुमार पाण्डेय ने उज्जैन के विक्रम विश्विद्यालय में भारतीय दर्शन तथा समाजिक सद्भाव विषय पर आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में सकल राष्ट्रीय खुशी की अपूर्णता तथा सकल राष्ट्रीय कर्तव्य की परिकल्पना शीर्षक पर पत्र वाचन किया।
उन्होंने बताया कि खुशी को सीधे नहीं मापा जा सकता वह कर्तव्य का बाई प्रोडक्ट हैं।
उन्होंने एक नया सूत्र दिया
Happiness is directly proportional to duty
सांख्यिकी के रैखिक प्रतिगमन के सूत्र के द्वारा उन्होंने प्रसन्नता और कर्तव्य का सीधा संबंध स्थापित किया । भविष्य में प्रश्नावली तैयार करके व्यापक रूप में सकल राष्ट्रीय कर्तव्य की गणना की जाएगी।
सांख्यिकी विषय के सहायक प्राध्यापक श्री प्रदीप चौरसिया के सहयोग से वैज्ञानिक पद्धति से यह शोध पत्र अंतिम रूप में पहुंच पाया हैं।
GND के आकलन के लिए उन्होंने 8 घटक दिए जिसको सर्वे मेथोडॉलजी के द्वारा निकला जाएगा।
उन्होंने अपने शोध पत्र में बताया कि गीता के स्वधर्म को आधार बना कर सकल राष्ट्रीय कर्तव्य की परिकल्पना गई हैं।
GND के घटने से राष्ट्र विनाश की ओर जाएगा ऐसा उन्होंने अपने शोध पत्र के द्वारा स्थापित किया
GND को धरातल पर लाने के लिए वह जल्द ही राज्य शासन से संपर्क करेंगे ।
