राजनांदगांव:पोष्ट मेट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास महेश नगर राजनांदगांव में नवप्रवेशित विद्यार्थियों का किया गया सम्मान…

राजनांदगांव,
पोष्ट मेट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास महेश नगर राजनांदगांव के भूतपूर्व छात्र एवं जनसंपर्क अधिकारी जिला बालोद श्री चंद्रेश ठाकुर ने कहा कि संसार के प्रत्येक महान एवं सफलतम व्यक्ति विपरित परिस्थितियों का सामना करके ही निखरे है। उन्होंने हमारे जीवन में आने वाले चुनौतियां विपरित परिस्थितियां हमें और अधिक परिपक्व बनाने के साथ-साथ हमारे व्यक्तित्व को परिष्कृत एवं परिमार्जित भी करती है।

श्री ठाकुर गत दिनों शासकीय पोष्ट मेट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास महेश नगर राजनांदगांव में आयोजित वर्ष 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के स्वागत समारोह के अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त कर रहे थे। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में छात्रावास के भूतपूर्व विद्यार्थी श्री गुलशन सलामे, श्री नंदकुमार अमरिया, श्री थानेश्वर खाण्डेकर, भूतपूर्व अध्यक्ष श्री रोहित घराना, श्री मनोज पिस्दा, श्री नंदकिशोर धुर्वे, श्री मनोज चंद्रवंशी, श्री भगत सलामे सहित वरिष्ठ एवं भूतपूर्व विद्यार्थियों के अलावा छात्रावास के अध्यक्ष श्री कैरल्स कोठारी, उपाध्यक्ष श्री विक्रम चंद्रवंशी, सचिव श्री प्रफुल मण्डावी, मुख्य सलाहकार श्री चंद्रहास चंद्रवंशी सहित अन्य पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में छात्रावासी विद्यार्थियों तथा राजनांदगांव एवं मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चैकी जिले के छात्रावासी विद्यार्थीगण उपस्थित थे। इस अवसर पर अतिथियों के द्वारा नवप्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत एवं अभिनंदन कर उन्हें शुभकामनाएं दी गई।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री चंद्रेश ठाकुर ने विद्यार्थियों एवं नवयुवकों में निहित असीमित प्रतिभा पर भी विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नही है, इसे हमारे पुराधाओं ने सच साबित कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि अंधकार कितना भी घना क्यों न हो, दीपक की एक छोटी सी लौ अपने प्रकाश से उजियारा बिखेर देती है।

श्री ठाकुर ने कहा कि यह शास्वत सत्य है कि प्रत्येक घनोघर रात्रि के पश्चात् सुबह की सुंदरता से हमारा साक्षात्कार हो ही जाता है। इसलिए व्यक्ति को किसी भी विपरित परिस्थिति एवं हालातों में अपना हिम्मत एवं धैर्य नही टूटने देना चाहिए। इसके साथ ही तमाम विपरित हालातों के बावजूद हमारा स्वप्न एवं कर्म सदैव बड़ा एवं ईच्छा शक्ति दृढ़ होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि लक्ष्य के प्रति समर्पण एवं दृढ़ ईच्छा शक्ति सफलता का मूल मंत्र है। श्री ठाकुर ने छात्रावासी जीवन के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए छात्रावासों को संस्कार भूमि एवं कमजोर एवं वंचित वर्गों के विद्यार्थियों के लिए संरक्षण स्थलीय बताया। उन्हांेने कहा कि छात्रावासों में विद्यार्थियों को जीवन की बुनियादी तहजीब सिखलाई जाती है।

श्री ठाकुर ने विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत, अनुशासन तथा धैर्य एवं सकारात्मक सोंच के साथ आगे बढ़ते हुए जीवन में उपलब्धि हासिल कर इस संस्थान, अपने माता-पिता, परिवार एवं समाज का नाम रोशन करने को कहा। इसके अलावा उन्होंने विद्यार्थियों को नशापान, गलत संगति आदि से दूर रहकर राष्ट्र व समाज के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री गुलशन सलामे, श्री नंदकिशोर अमरिया, श्री मनोज चंद्रवंशी एवं श्री थानेश्वर खाण्डेकर सहित अन्य अतिथियों ने भी विद्यार्थियों को सीख दी।