राजनांदगांव : वित्त नियंत्रक छत्तीसगढ़ शासन तिलक शोरी के सेवानिवृत्त होने पर दी गई विदाई…

वित्त नियंत्रक छत्तीसगढ़ शासन श्री तिलक शोरी के सेवानिवृत्त होने पर दी गई विदाई


मित्रों एवं शुभचिंतकों ने दी हार्दिक बधाई एवं शुभकामना, उत्कृष्ट कार्यशैली, कार्य के प्रति समर्पण, लगन एवं परिश्रम की भूरी-भूरी सराहना की


आदिवासी बहुल मोहला-मानपुर जिले के ग्राम अरजकुंड से निकलकर राज्य वित्त सेवा के सर्वोच्च पद पर पहुँचने का मिला गौरव


राजनांदगांव / संचालनालय कोष लेखा एवं पेंशन विभाग इंद्रावती भवन नवा रायपुर में पदस्थ राज्य वित्त सेवा के सबसे वरिष्ठ अधिकारी एवं वित्त नियंत्रक छत्तीसगढ़ शासन श्री तिलक शोरी के आज सेवानिवृत्त होने पर इंद्रावती भवन नवा रायपुर के आॅडिटोरियम में आयोजित गरिमामय समारोह में विदाई दी गई। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं अधिकारी-कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त वित्त नियंत्रक श्री तिलक शोरी के आदर्श एवं उत्कृष्ट कार्यशैली अपने कार्य के प्रति समर्पण, लगन एवं निष्ठा के साथ-साथ समय के प्रति पाबंद तथा कड़ी मेहनत की भूरी-भूरी सराहना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संचालक कोष लेखा श्री रितेश अग्रवाल सहित अन्य सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने श्री तिलक शोरी के उत्कृष्ट कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए सभी के लिए अनुकरणीय एवं आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि श्री शोरी के विपरित परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता विभाग एवं अधिकारी-कर्मचारियों के हित में किए गए कार्य एवं योगदान का कोई सानी नही है। इस अवसर पर सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने श्री शोरी को एक योग्य, कुशल एवं उच्च कोटी का प्रशासक के साथ-साथ संवेदनशील एवं मिलनसार व्यक्तित्व के धनी बताया। सभी अतिथियों एवं अधिकारी-कर्मचारियों ने श्री शोरी के सुदीर्घ, मंगलमय, निरोग एवं यशस्वी जीवन की कामना करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।


उल्लेखनीय है कि तिलक शोरी की पहचान वित्त विभाग के साथ-साथ राज्य शासन के एक उत्कृष्ट, जानकार एवं अपने कार्य के प्रति पारंगत अधिकारी के रूप में है। श्री तिलक शोरी आदिवासी बहुल अंबागढ़ चैकी जिले के ग्राम अरजकुंड के मूल निवासी है। उन्होंने अपनी हायर सेकण्डरी की पढ़ाई अंबागढ़ चैकी से पूरा कर आदिवासी बालक छात्रावास राजनांदगांव में निवास कर शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगावं से उच्च शिक्षा प्राप्त की है। श्री शोरी प्रारंभ से ही अत्यंत मेहनती एवं मेधावी विद्यार्थी रहे हैं। शासकीय सेवा में उनकी सर्वप्रथम नियुक्ति सन् 1986 में उच्च वर्ग शिक्षक के रूप में ग्राम बिरेन्द्र नगर जिला कवर्धा में हुई थी। इस दौरान वे बोड़ला में भी पदस्थ रहे। इसके पश्चात् वे सन् 1988-89 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा के माध्यम से लेखाधिकारी के पद पर चयनित हुए थे। लेखाधिकारी के रूप में उनकी पहली पदस्थापना मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अतिरिक्त जिला कोषालय के पद पर हुई थी।

इसके पश्चात् वे विभिन्न विभागों में लेखाधिकारी के साथ-साथ जिला कोषालय अधिकारी बालाघाट एवं अन्य स्थानों में लेखाधिकारी एवं अन्य प्रमुख पदों पर पदस्थ रहे। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण होेने के बाद सन 2000 में श्री शोरी को छत्तीसगढ़ कैडर आबंटित हुआ। इस दौरान वे अलग-अलग अवधि में वित्त अधिकारी महानिदेशक कार्यालय जेल विभाग, वित्त विशेषश्र गरीबी उन्मूलन नवा अंजोर तथा संचालनालय कोष एवं लेखा विभाग में संयुक्त संचालक, अपर संचालक जैसे विभिन्न पदों के अलावा महानदी भवन, मंत्रालय नवा रायपुर में आदिमजाति कल्याण विभाग में वित्त सलाहकार के रूप में भी पदस्थ रहे। इसके पश्चात् वे 06 जुलाई 2020 से अपर संचालक पद से पदोन्नत होकर राज्य वित्त सेवा के सर्वोच्च पद वित्त नियंत्रक के पद पर अपने शासकीय सेवा के अंतिम दिनों तक पदस्थ थे।


उल्लेखनीय है कि श्री शोरी अपने दौर के आदिवासी बहुल मोहला मानपुर एवं अंबागढ़ चैकी जिले के लोक सेवा आयोग के माध्यम से लेखाधिकारी के पद पर पहुँचने वाले पहले व्यक्ति थे। इसके अलावा श्री शोरी छात्र जीवन में एक लब्ध प्रतिष्ठित छात्र नेता एवं समाज के सम्मानीय व्यक्ति भी रहे हैं। श्री शोरी की पहचान उत्कृष्ट कार्यशैली के अलावा मिनलसार एवं मृदुभाषी व्यक्ति के रूप में हैं। वर्तमान में श्री शोरी के परिवार में उनकी माता श्रीमती फुलकंुवर शोरी सहित धर्मपत्नी श्रीमती सविता शोरी के अलावा उनकी दो पुत्री कुमारी प्रिया एवं पल्लवी सहित तीन भाई एवं दो बहन सहित भरा-पूरा परिवार है।

उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सविता शोरी वर्तमान में अंबागढ़ चैकी विकासखण्ड से जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपनी सेवा दे रही है। विदाई समारोह के अवसर पर संचालक कोष लेखा एवं पेशन विभाग श्री रितेश अग्रवाल, उप सचिव श्री ऋषभ परासर, वित्त नियंत्रक श्री भागीरथ विशाल सहित अपर संचालक श्री रूद्रप्रताप चैहान, कल्पना घोष सहित सभी अपर संचालक, संयुक्त संचालक, उप संचालक, सभी लेखाधिकारियों के अलावा संभाग एवं जिले में वित्त विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी तथा अन्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।