

राजनांदगाव- ग्राम जादूटोला, विकासखण्ड अम्बागढ़ चौकी, जिला मोहला-मानपुर।
जनजाति विकास एवं उत्थान संगठन, जिला मोहला-मानपुर अम्बागढ़ चौकी के तत्वावधान में ग्राम जादूटोला की पावन धरती पर कैरियर गाइडेंस एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम शिक्षा, समाज और संस्कृति – तीनों ही क्षेत्रों में नई ऊर्जा और चेतना का संदेश देने वाला साबित हुआ।
सम्मानित हुए 160 से अधिक प्रतिभागी
समारोह में 100 प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने कक्षा 10वीं और 12वीं में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त की। यह सम्मान न केवल उनके परिश्रम का गौरव है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
इसके अतिरिक्त 40 शिक्षकगणों को शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया गया। शिक्षक समाज के मेरुदंड होते हैं, और इस सम्मान ने उनकी भूमिका की महत्ता को पुनः रेखांकित किया।
इसी क्रम में 20 प्रबुद्ध जनों को भी उनके सामाजिक कार्यों और समाज-उत्थान में सक्रिय भूमिका के लिए सम्मान प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि एवं मंचासीन अतिथि
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री एफ.एल. मंडलोई, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, छत्तीसगढ़ शासन रहे।
विशिष्ट अतिथियों में श्री डी.एल. नेताम (सेवानिवृत्त रेंजर), श्री विनोद कुमार मंडावी (प्राचार्य गैदाटोला), श्री एस.एल. खोब्रागड़े (प्राचार्य जादूटोला), श्रीमती सुकारों विष्णु नेताम (सरपंच जादूटोला), श्री अशोक ध्रुव, श्री मनहरण पिथौरा (संरक्षक, जनजाति विकास संगठन), श्री चिन्ता राम नायक (समाजसेवी), नीलकंठ कोमरे,श्री योगेंद्र कोड़ापे (अध्यक्ष, जनजाति विकास संगठन), तथा श्री लेकेश्वर ठाकुर (उपाध्यक्ष, संगठन) विशेष रूप से उपस्थित रहे।
अतिथियों के उद्बोधन : शिक्षा और संस्कार की महत्ता पर बल
समारोह के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखते हुए शिक्षा और कैरियर गाइडेंस की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला –नीलकंठ कोमरे ने कहा कि इस प्रकार का आयोजन केवल सम्मान का अवसर नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों के भविष्य की दिशा तय करने और समाज को नई सोच देने का माध्यम है।
मनहरण पिथौरा ने जनजातीय समाज की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा और संगठनात्मक एकता ही समाज के वास्तविक उत्थान की आधारशिला है।
मोरध्वज सोनवानी ने खेलों को जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए राष्ट्रीय खेलों में जनजातीय युवाओं की भागीदारी पर बल दिया।
विनोद कुमार मंडलोई ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए विद्यार्थियों को धैर्य, अनुशासन और कठिन परिश्रम के महत्व को समझाया।
मुख्य अतिथि श्री एफ.एल. मंडलोई ने कहा –
“कैरियर गाइडेंस जीवन की दिशा तय करने में सहायक है। यदि विद्यार्थी इस मार्गदर्शन को आत्मसात करें तो वे किसी भी मुकाम तक पहुँच सकते हैं। लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए परिश्रम, दृढ़ निश्चय और अनुशासन ही सबसे बड़ा हथियार है।”
समाज की भागीदारी और कार्यक्रम की सफलता
इस आयोजन की सफलता में पूरे समाज की सक्रिय भागीदारी रही।
लेखराम ठाकुर, रतन ठाकुर, यादव राम मंडावी, बुधराम पाण्डेरोई, किरण मंडावी, विष्णु नेताम, मनोज नेताम, छबल नेताम, बिसनाथ नेताम, राजू निर्मल, गोपीकृष्ण सिन्हा, भगत उइके, अरुण यादव, चंद्रशेखर, प्रफुल भंडारी, नीलकंठ कोमरे, मनोज चंद्रवंशी, उमेश कुमार यादव सहित विद्यालय परिवार और समाज के प्रबुद्ध जनों का सहयोग उल्लेखनीय रहा।
यह समारोह केवल एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह शिक्षा, संस्कार और समाज उत्थान की त्रिवेणी को जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक प्रयास रहा। इसने यह स्पष्ट कर दिया कि जब समाज, शिक्षा और संस्कृति मिलकर कार्य करते हैं, तभी एक नई पीढ़ी मजबूत बनती है और राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल होता है।
मनसंचालन मनोज चंद्रवंशी एवं उमेश ने किया
