केरल के वायनाड में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। भूस्खलन में मरने वालों का आंकड़ा 300 पार कर चुका है। अभी ये आंकड़ा और बढ़ने के आसार हैं। इन सबके बीच अहम खबर यह है कि बेली ब्रिज पूरी तरह से चालू हो गया है। इस ब्रिज के सहारे अधिक भारी मशीनरी दूसरी तरफ चली गई है और अब राहत कार्य और तेज हो जाएगा।
भूस्खलन के आसपास 6 क्षेत्रों में विभाजित कर चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
बताना चाहेंगे, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र को 6 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और कुल 40 खोज दल तैनात किए गए हैं। पड़ोसी मलप्पुरम जिले में चलिया नदी के निचले हिस्से में भी तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। वहीं एयरफोर्स का चिनूक, तीन टैंकर, एटीएफ और तटरक्षक बल के जहाज अभिनव को तैनात किया जा रहा है।
आईसीजी कर्मचारियों का एक दल 30 जुलाई से राहत-बचाव कार्य में जुटा
वहीं 35 आईसीजी कर्मचारियों का एक दल 30 जुलाई से भूस्खलन से तबाही मचाने वाले मेप्पाडी क्षेत्र के चूरलमाला और मुंडक्कई गांव में बचाव और राहत अभियान चला रहा है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने की मृतकों की संख्या की पुष्टि
इस बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को पुष्टि की है कि 30 जुलाई को वायनाड में हुए कई भूस्खलनों में 308 लोगों की मौत हो गई है। भूस्खलन से तबाही मचाने वाले मेप्पाडी क्षेत्र के चूरलमाला और मुंडक्कई में बचाव और राहत अभियान जारी है।
हाई अर्थ मूवमेंट उपकरणों से रेस्क्यू ऑपरेशन में आएगी तेजी
रक्षा विभाग के एक बयान में कहा गया है कि हाई अर्थ मूवमेंट उपकरणों को दूसरी तरफ भेज दिया गया है और नागरिक प्रशासन द्वारा वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जा रहा है। कर्मियों ने वायनाड जिला कलेक्टर के कार्यालय में एक बैठक भी की।
राहत टीमों और डॉग स्क्वॉड द्वारा आज सुबह 7 बजे तलाशी अभियान शुरू किया गया
अधिकारियों ने बताया है कि राहत टीमों और डॉग स्क्वॉड द्वारा आज शुक्रवार सुबह 7 बजे तलाशी अभियान शुरू किया गया। इसमें पुलिस सहित सशस्त्र बलों के कर्मियों से गठित 30 सदस्यों वाली 10 टीमें शामिल हैं। प्रभावित क्षेत्र को पहुंच और लापता व्यक्तियों की बरामदगी की संभावनाओं के आधार पर छह क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, अर्थात् जोन 1-पुंचिरिमट्टोम क्षेत्र, जोन 2-मुंडेक्कई क्षेत्र, जोन 3-स्कूल क्षेत्र, जोन 4-चूरलमाला शहर क्षेत्र, जोन 5-ग्राम क्षेत्र और जोन 6-डाउनस्ट्रीम।
सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और नागरिक प्रशासन द्वारा समन्वित बचाव और राहत अभियान कई स्थानों पर चल रहे हैं, जिससे फंसे हुए लोगों को तुरंत निकाला जा सके और बुनियादी सुविधाएं और चिकित्सा सहायता का प्रावधान हो सके।
केरल सरकार का विवादास्पद आदेश- ‘वैज्ञानिकों से भूस्खलन स्थल का दौरा न करने को कहा’
इस बीच केरल सरकार ने चौतरफा चलते अपने उस विवादास्पद आदेश को वापस ले लिया जिसमें वैज्ञानिकों से वायनाड भूस्खलन स्थल का दौरा न करने और अपनी राय और अध्ययन रिपोर्ट मीडिया के साथ साझा न करने का निर्देश दिया गया था।
दरअसल, केरल के राहत आयुक्त और आपदा प्रबंधन के प्रमुख सचिव टिंकू बिस्वाल ने एक आदेश में केरल के सभी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों को वायनाड में मेप्पाडी पंचायत का दौरा न करने का निर्देश दिया जिसे आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है। राज्य और अन्य जगह के वैज्ञानिकों ने इसे आपदा के लिए वन क्षेत्र में कमी, नाजुक इलाके में खनन और जलवायु परिवर्तन के घातक मिश्रण को जिम्मेदार ठहराया। इस संबंध में भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने अपने एक्स अकाउंट पर केरल सरकार के उस आदेश की कॉपी शेयर करते हुए उसे तालिबान फतवा करार दिया है।